हिण्डौन सिटी में आरएएफ बटालियन व पुलिस ने शहर मे फ्लैग मार्च किया.

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हिण्डौन सिटी में आरएएफ बटालियन व पुलिस ने शहर मे फ्लैग मार्च किया.

हिंडौन सिटी,जिला करौली,
रिपोर्टर विजय कुमार पांडेय,

भारत सरकार केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेशानुसार लालवास, जयपुर (राजस्थान) में तैनात रेपिड एक्शन फोर्स (रफ) 83 बटालियन के कमाण्डेंट कुलदीप कुमार जैन के मार्गदर्शन में एवं राठौड़ भूपेंद्र सिंह बी एस सहा, कमाडेन्ट के नेतृत्व मे 83 बटालियन की एक प्लाटून निरीक्षक रामसिंह मुक्ङ, निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह सहित 10 दिसंबर024 से 14दिसंबर 024 तक जिला करौली (राज0) के पुलिस थानों का भम्रण व परिचित अभ्यास करने के लिए आई है जो आज 13 दिसंबर 024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र पाल सिह
 वृताधिकारी गिरधर सिंह,के निर्देशन मे पुलिस थाना कोतवाली अधिकारी हिण्डौन सिटी हरलाल सिंह ने रैपिड एक्शन फोर्स व अन्य पुलिस कार्मिकों के साथ मिलकर हिण्डौन क्षेत्र के संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्र कोतवाली से डैम्परोड,कटरा बाजार, सराफा बाजार, नीमका बाजार हरदेव जी मंदिर, गूदडी बाजार, बीजली खां का चौक,चूडी बाजार, अग्रवाल धर्मशाला, धाकड़ पोठा,चौपड सर्किल से बापिस कोतवाली तक परिचित अभ्यास किया। तथा साथ ही स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर मुख्य बाजारों एवं साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लेग मार्च किया। ताकि भविष्य में जरूरत पडने पर उस स्थान व इलाके में तुरन्त पहुँचकर शीघ्र तथा प्रभावी कार्यवाही की जा सके। परिचित अभ्यास के दौरान रैपिड एक्शन फोर्स के द्वारा किये गये परिचय अभ्यास की जानकारी देते हुए राठौङ भूपेंद्र सिंह, वी एस सहा. कमाडेन्ट 83 बटालियन ने बताया कि परिचय अभ्यास के दौरान इलाके की जनसंख्या, सामुदायिक दृष्टि से संवेदनशील जगहों तथा विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा तथा बलवाइयों की सूची तैयार की गई। ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कोई साम्प्रदायिक तनाव एवं दंगा कि स्थिति घटित होने या प्राकृतिक आपदा होने पर अधिक कारगर ढंग से उस पर नियंत्रण एवं कार्यवाही की जा सके। बल के सदस्यों द्वारा राजनितिक दलों, समाजसेवी संगठनों की भी जानकारी प्राप्त की जाएगी। 83 बटा० द्रुत कार्य बल द्वारा सभी क्षेत्रों का सांकेतिक चित्र भी बनाया जाएगा। इस मानचित्र का उद्देश्य अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने पर नियंत्रण के लिए नियुक्त स्थल पर तत्काल पहुँचने में सुविधा हो। दुत कार्य बल द्वारा किया जाने वाला यह एक अभ्यास है। जो कि नियमित अन्तराल के बाद किया जाता है। इस अभ्यास के दौरान हम विभिन्न क्षेत्रों में जाकर वहां प्राकृतिक आपदा, सामाजिक परिवेश, समाज में अशान्ति उत्पन्न करने वाले विभिन्न कारणो का गहन अध्ययन कर डाटा एकत्रित करते है जिससे विषम परिस्थितियों में हुत कार्य बल शान्ति व्यवस्था बनाने में त्वरित मदद कर सके।

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