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राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल 2025 से 31 अप्रैल 2025 तक स्थानीय मॉल में आयोजित "फुले" फिल्म का कार्यक्रम ऐतिहासिक सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के संघर्ष और योगदान पर आधारित था, जो समाज में समानता और शिक्षा के महत्व को उजागर करता है।
फिल्म की मुख्य विशेषताएं
1. समानता का संदेश:
फिल्म ने सामाजिक बंधनों और कुरीतियों पर प्रहार करते हुए शिक्षा और समानता को बढ़ावा दिया। बाल विवाह, सती प्रथा, और महिलाओं के साथ भेदभाव जैसे मुद्दों पर गंभीर प्रकाश डाला गया।
2. महिलाओं के अधिकारों की पहल:
यह फिल्म महिलाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित करती है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखती है।
3. जनता का उत्साह:
मॉल में प्रतिदिन एक शो आयोजित किया गया, जिसे जनता का भरपूर समर्थन मिला। विशेष मांग पर एक अतिरिक्त शो की भी व्यवस्था की गई, जो दर्शकों से खचाखच भरा रहा।
समाजसेवकों का सहयोग
इस आयोजन को सफल बनाने में समाजसेवक मुकेश सर, प्रशांत सुखदेवे जी और मॉल के मालिक का विशेष योगदान रहा। उनके प्रयासों के चलते अंतिम दिन सभी दर्शकों के लिए मुफ्त शो का आयोजन किया गया, जिससे हजारों लोगों ने इस प्रेरणादायक फिल्म को देखा।
सम्मान समारोह
फिल्म के अंतिम दिन, मॉल मालिक को पूरे बौद्ध समाज की ओर से संविधान की प्रस्तावना, शाल, और बुके देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह में विभिन्न समाजों के प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
भविष्य की मांग
जनता की ओर से यह मांग उठी कि "फुले" फिल्म को टैक्स-फ्री किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें और समाज में जागरूकता बढ़े।
पूरे बौद्ध समाज ने उन सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने तन, मन, और धन से इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग किया।
समाप्ति संदेश
"फुले" फिल्म का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना और लोगों को गुलाम मानसिकता से आजाद कराना है। यह आयोजन एक नई शुरुआत है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रेरणा देगा।
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जारीकर्ता:
बौद्ध समाज, राजनांदगांव
