64 वां प्रांत अधिवेशन 23 से 25 दिसम्बर 2024 को झांसी मे आयोजित किया जाएगा!
झांसी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का 64वां प्रांत अधिवेशन 23 से 25 दिसंबर 2024 तक झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय पैरामेडिकल कॉलेज में आयोजित होगा। यह जानकारी कानपुर प्रांत की प्रांत मंत्री शिवराज बुंदेला ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि यह आयोजन झांसी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व वाले नगर में आयोजित होना परिषद के लिए गर्व का विषय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले सात दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्यरत एक गैर-राजनीतिक छात्र संगठन है। परिषद वर्तमान में 55 लाख से अधिक सदस्यों और 5000 से अधिक स्थानों पर सक्रिय है। यह संगठन छात्रों के सर्वांगीण विकास और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस तीन दिवसीय अधिवेशन में प्रांत के 21 जिलों से 1200 से अधिक छात्र प्रतिनिधि और 300 से अधिक व्यवस्थापक कार्यकर्ता भाग लेंगे। आयोजन के लिए 3000 परिवारों से छोटे-छोटे आर्थिक सहयोग के माध्यम से धन संग्रह किया गया है। कार्यक्रम को जीरो फूड वेस्ट और प्लास्टिक मुक्त नीति पर आधारित बनाया गया है। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में अधिवेशन स्थल का नाम वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई नगर रखा गया है। मुख्य सभागार का नाम झलकारी बाई सभागार, और प्रदर्शनी का नाम पुण्यश्लोकी अहिल्याबाई होल्कर जी के नाम पर रखा गया है। वहीं, अधिवेशन के आवासों एवं भोजन पंडाल का नाम झांसी की महान विभूतियों के नाम पर रखा गया है।
झांसी जिले के कार्यकर्ता अधिवेशन को सफल बनाने के लिए पूरे उत्साह और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। झांसी की अतिथ्य परंपरा और सामूहिक सहयोग की भावना इस आयोजन में झलकेगी। अधिवेशन के दौरान पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने का प्रयास किया गया है। यह पहल समाज और छात्रों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देगी।
प्रेस वार्ता में महानगर मंत्री सुयश शुक्ला, जिला संयोजक मनीष तिवारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनेंद्र गौर एवं हर्ष शर्मा, प्रांत सह मंत्री चित्रांश सिंह सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह अधिवेशन छात्रों को न केवल शिक्षा और समाज के प्रति प्रेरित करेगा, बल्कि शैक्षिक और सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
