जबलपुर ( मध्यप्रदेश)!
विदित है कि दिव्यांगजनों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार और दिव्यांगजनों और दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के मध्य सेतु के रूप में कार्य करने के लिए आयुक्त निःशक्तजन की नियुक्ति 3 वर्ष के लिए की जाती है.
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत् दिव्यांगजनों को शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, पुनर्वास तथा उपचार एवं उनको आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिये किये जा रहे प्रत्येक कार्यों का पर्यवेक्षण, भेदभाव हटाने, दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधाओं के विकास के लिये तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु राज्य शासन द्वारा राज्य आयुक्त दिव्यांगजन को अधिनियम की धारा 79 के अंतर्गत 3 वर्ष के लिए दायित्व सौंपा जाता हैं।
विदित है कि जब से आयुक्त निःशक्तजन का पद बनाया गया है तब से अभी तक आयुक्त निःशक्तजन जबलपुर से ही बने है. प्रथम एवं द्वितीय कार्यकाल दीपांकर बैनर्जी, बलदीप सिंह मैनी, और संदीप रजक.
तीनों ने ही अपने कार्यकाल में दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किये.
वहीँ आयुक्त निःशक्तजन की पुनः नियुक्ति होनी है इसके लिए दिव्यांगता और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले अनेकों समाजसेवियों ने आवेदन किये है. जबलपुर में ही पिछले 15 वर्षों से दिव्यांगता, नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य कल्याण के लिए समाज सेवी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट मुकेश कुमार सेन द्वारा सेवा कार्य किये जा रहें है. मुकेश कुमार सेन कई नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र और दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही सामाजिक संस्थाओं में अपनी सेवा दें चुके है साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक है,दिव्यांगता,नशा मुक्ति, मनोआरोग्यता के साथ साथ,राष्ट्रीय मानवाधिकार संघठन में प्रदेश महासचिव रहते हुए दिव्यांगजनों, नशा पीड़ितों और मानसिक रूप से बीमार लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आमजनों को जागरूक करना, साथ ही पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता करते हुए दिव्यांगता, नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लेखों के माध्यम से सरकार और आमजनों को जागरूक करना ताकि दिव्यांगजनों, नशा पीड़ितों और मानसिक रूप से बीमार लोगों के प्रति समाज में सकारात्मकता लाई जा सके. आपके द्वारा शांतम प्रज्ञा आश्रम नशा मुक्ति, मनोआरोग्य, दिव्यांग पुनर्वास केंद्र नामक संस्था की स्थापना कर पिछले 8 वर्षों से नशा पीड़ितों, मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं दिव्यांगजनों की सेवा की जा रही है . यदि मुकेश कुमार सेन की योग्यता और सेवा संकल्प को देखा जाए तो मध्य प्रदेश में दिव्यांगता के कल्याण के लिए पुनः जबलपुर से एक युवा आयुक्त निःशक्तजन मिल सकता है
