हिण्डौन सिटी जिला करौली,
रिपोर्टर विजय कुमार पांडेय
जयपुर जब भाई को उपचुनाव नहीं जितवा सके, तब किस बात की दादागिरी।
सिर के ऊपर से पानी गुजर जाने के बाद आखिरकार भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता के आरोप का नोटिस दे ही दिया है। प्रदेश में एक वर्ष पहले भाजपा की सरकार बनाने के बाद से ही किरोड़ी मीणा पार्टी का अनुशासन तोड़ रहे थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शमा्र ने अपनी ओर से बहुत प्रयास किए कि किरोड़ी मीणा लाइन पर आ जाए। लेकिन मीणा जब अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आए तो 10 फरवरी को राष्ट्रीय नेतृत्व से विमर्श करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मीणा को नोटिस जारी कर दिया। भाजपा के सिर पर से पानी तब गुजरा जब किरोड़ी ने आरोप लगाया कि सरकार उनका फोन टैप करवा रही है। इस बयान के बाद ही कांग्रेस विधानसभा में हंगामा कर रही है। राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भी कांग्रेस ने हंगामा किया। अब जब 19 फरवरी को बजट पेश होना है, तब भी कांग्रेस के विधायक किरोड़ी के बयान को लेकर शोरगुल करेंगे। भाजपा का नेतृत्व किरोड़ी विवाद को 19 फरवरी से पहले पहले खत्म करना चाहता है, इसलिए 10 फरवरी को जारी नोटिस में जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। यदि किरोड़ी फोन टैपिंग वाले बयान पर कायम रहते हैं तो किरोड़ी को भाजपा से बाहर कर दिया जाएगा। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व अब किरोड़ी के प्रति नरम रुख नहीं अपनाएगा। पार्टी ने किरोड़ी को पूरा एक वर्ष दिया, लेकिन किरोड़ी लगातार पार्टी के अनुशासन को तोड़ते रहे। किरोड़ी के पीछे भाजपा के जो नेता खड़े हैं, उन्हें भी यह समझना चाहिए कि भजनलाल शर्मा कमजोर मुख्यमंत्री नहीं है। शर्मा भले ही पहली बार विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने हो, लेकिन पिछले एक वर्ष में शर्मा ने भी राजनीति के सभी तौर-तरीके समझ लिए है। शर्मा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का पूरा संरक्षण है। शर्मा ने राष्ट्रीय नेतृत्व को उन भाजपा नेताओं के नाम बता दिए है जो किरोड़ी को उकसा रहे हैं।
किस बात की दादागिरी हाल ही के उपचुनाव में मुख्यमंत्री शर्मा की सिफारिश पर किरोड़ी के भाई को दौसा से उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन किरोड़ी अपने भाई को भी चुनाव नहीं जितवा सके। सवाल उठता है कि जब किरोड़ी अपने भाई को चुनाव नहीं जितवा सके तो अब किस बात की दादागिरी दिखा रहे है? जहां तक भाजपा का सवाल है तो प्रदेश में सरकार बनने पर किरोड़ी कृषि और आपदा राहत विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कुछ लोगों का कहना है कि किरोड़ी को उनके राजनीतिक कद के अनुरूप गृह और वित्त जैसा विभाग नहीं दिया गया। जबकि ऐसे समर्थकों को समझना चाहिए कि वसुंधरा राजे जैसी ताकतवर नेता के दावे को दरकिनार कर भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया। 6 बार के विधायक कालीचरण सराफ और पांच बार की विधायक श्रीमती अनिता भदेल के बजाए किरोड़ी मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ऐसे में किरोड़ी को पार्टी के अनुशासन में रहकर काम करना चाहिए था, लेकिन किरोड़ी ने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा देकर पार्टी की फजीहत करवाई, बल्कि फोन टैपिंग वाला बयान देकर कांग्रेस को हमला करने का अवसर दे दिया।
